ध्यान या मैडिटेशन क्या है, ध्यान करने से लाभ | क्यों करे ध्यान, इससे जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है

हम अपनी सुबह किस प्रकार व्यतीत करते हैं पूरे दिन किस प्रकार की ऊर्जा अपने मस्तिष्क और शरीर को प्रदान करते हैं इसका हमारे जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता है यदि हम अपनी दिनचर्या में कुछ परिवर्तन करें तो हम अधिक खुश और स्वस्थ रह सकते हैं। इतना ही नहीं हम सारे दिन जो भी … Read more

सावन सोमवार व्रत: कब है, पूजा विधि, पौराणिक कथा, व्रत में क्या खाएं | Sawan Somwar Vrat 2023 Dates, Puja Vidhi in Hindi

Sawan Somvar Vrat: श्रावण/सावन माह में आने वाले सोमवारों को सावन सोमवार कहां जाता है। सावन को भगवान शिव का प्रिय माह माना गया है इसलिए इस महीने में भगवान शिव की उपासना की जाती है ऐसा माना जाता है कि सावन में पढ़ने वाले सोमवार के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना करने से वे हमारी सभी … Read more

भगवान शिव श्मशान में क्यों निवास करते है | Bhagwan Shiv Shamshan mein kyon rahate hai

भगवान शिव को शमशान निवासी क्यों कहां जाता है, क्यों जाकर रहते हैं वे शमशान में, हमारे श्रेष्ठ देव का श्मशान में क्या काम, इन सभी बातों का उत्तर स्वयं भगवान शिव ने ही दिया था इस लेख का स्त्रोत हमारे विश्वसनीय महाकाव्य है। जिससे आपको भी उनके श्मशान में रहने का वास्तविक कारण पता चल सके।  शिव जी … Read more

गरुड़ देव के रहस्य | गरुड़ कैसे बने भगवान विष्णु के वाहन, वे कितने शक्तिशाली थे

गरुड़ देव जिन्हे अधिकांश लोग पक्षियों के राजा और भगवान विष्णु के वाहन के रूप में ही जानते हैं। पौराणिक सनातनी महाकाव्य में सिर्फ यही तक सीमित नहीं थे। आज हम आपको गरुड़ देर से जुड़े रोचक तथ्य बताएंगे जिनसे आप भी जान पाएंगे की क्यों वे अकेले ही सौ इन्द्रो के बराबर माने जाते थे। गरुड़ का जन्म … Read more

नंदी का शिव के वाहन बनने का रहस्य | नंदी का जन्म कैसे हुआ, नंदी कितने शक्तिशाली थे | नंदीकेश्वरी अवतार

नंदी महादेव जी के अंश से उत्पन्न होकर भगवान शिव को कैसे प्राप्त हुए थे इसका वर्णन शिवपुराण के शतरूद्र संहिता एवं महाभारत के अनुशासन पर्व में भी किया गया है। आइए जानते हैं नंदीकेश्वरी अवतार कितने शक्तिशाली थे और वह कैसे बने थे भगवान शिव के वाहन।    नंदी का जन्म कैसे हुआ? शिव पुराण … Read more

सर्वारिष्ट निवारण स्तोत्र, पाठ कैसे करे, स्तोत्र के लाभ | sarvarishta nivaran stotra mantra

सर्वारिष्ट निवारण स्तोत्र श्री भृगु संहित से लिया गया है जिसे श्री भृगु ऋषि द्वारा रचा गया था। यह सभी निवारण स्तोत्रो में सर्वोत्तम है।  सर्वारिष्ट निवारण स्तोत्र के लाभ  इस स्तोत्र का केवल एक बार अनुष्ठान करने से अर्थात 40 पाठ करने से मनुष्य की जन्मकुंडली में दोष जैसे – ग्रह दोष, भूत प्रेत की बात … Read more

Patal Lok: कहां और कैसा है पाताल लोक, वहां कौन रहता है

इस सृष्टि को मुख्यतः तीन लोगों में बांटा गया है जिसे- इंद्रलोक, पृथ्वीलोक, और पाताल लोक के नाम से जाना जाता है। इंद्रलोक में जहां देवता, गंधर्व, और मृत्यु के बाद यमलोक जाने वाली आत्मा निवास करती हैं। वही मृत्यु लोक यानी पृथ्वी लोक पर मनुष्य, पशु-पक्षी आदि जैसे लाखों जीभ निवास करते हैं। लेकिन … Read more

शनिवार व्रत: शनि पूजन विधि, मंत्र, व्रत कथा, व्रत में क्या खाये, उद्यापन कैसे करे

Shanivar Vrat: शनिदेव का नाम आते ही कहीं ना कहीं मन में भय बैठ जाता है क्योंकि यह व्यक्ति के जीवन में नकारात्मकता का संकेत माना जाता है। शनि की साढ़ेसाती अर्थात साढ़े सात साल बहुत कठिन समय होता है। इस समय में बहुत सी कठिनाइयां और चुनौतियां आती है जिनमें मानसिक और शारीरिक कष्ट सम्मिलित है।  … Read more

श्री हरि स्त्रोतम, हिन्दी अनुवाद सहित | Shri Hari Strotam with Hindi Meaning

भगवान विष्णु का ये अति कल्याणकारी और चमत्कारी स्त्रोत हिंदी अनुवाद सहित। श्री हरि स्त्रोतम जगज्जाल पालम् कचत् कण्ठमालं शरच्चन्द्र भालं महादैत्य कालम्। नभो-नीलकायम् दुरावारमायम् सुपद्मा सहायं भजेऽहं भजेऽहं।1। सदाम्भोधिवासं गलत्पुष्हासं जगत्सन्निवासं शतादित्यभासम्। गदाचक्रशस्त्रं लसत्पीत-वस्त्रं हसच्चारु-वक्रं भजेऽहं भजेऽहं।2। रमाकण्ठहारं श्रुतिवातसारं जलान्तर्विहारं धराभारहारम्। चिदानन्दरूपं मनोज्ञस्वरूपं धृतानेकरूपं भजेऽहं भजेऽहं।3। जराजन्महीनम् परानन्द पीनम् समाधान लीनं सदैवानवीनम्। जगज्जन्म हेतुं सुरानीककेतुम् … Read more

हनुमान जी ने 11 मुखी रूप क्यों लिया | हनुमान के 11 मुख कौन से है, इनकी पूजा से लाभ

रुद्र के अवतार हनुमान जी ऊर्जा के प्रतीक माने जाते हैं। इनकी आराधना से बल, कीर्ति, आरोग्य और निर्भीकता बढ़ती है। हनुमान जी कालजई वा चिरंजीवी देवता माने जाते हैं। यही कारण है कि श्री हनुमान चरित्र या नाम स्मरण ही हर युग या काल में जगत के लिए संकट मोचन व विघ्न हरण का बेहतर रास्ता माना … Read more