मृत्यु के अटल सत्य है जिसे कोई टाल नहीं सकता जो मृत्यु लोक में आया है उसे एक दिन अपने शरीर को छोड़कर जाना ही है लेकिन फिर भी मृत्यु एक ऐसा शब्द है जिसे सुनकर शरीर में अजीब सी सिहरन महसूस होने लगती है। यहाँ तक की धनी और ताकतवर व्यक्ति भी मौत के डर से कांपते है।
शिव पुराण के अनुसार पार्वती जी ने भगवान शिव से मृत्यु के निकट आने पर मिलने वाले संकेतों के बारे में पूछा था जिसका भगवान शिव ने स्वयं बड़े ही विस्तार से उत्तर दिया था। तो आइये जानते है मृत्यु निकट आने पर कौन-कौन से लक्षण दिखते हैं।
मृत्यु के संकेत
अंगो में होने वाले मृत्यु के लक्षण
- भगवान शिव ने पार्वती जी से कहां यदि अकस्माद शरीर सब ओर से सफेद या पीला पड़ जाए और ऊपर से कुछ लाल दिखे तो उस मनुष्य की मृत्यु 6 महीने के भीतर हो जाएगी।
- जब मनुष्य का बाया हाथ लगातार 1 सप्ताह तक फड़फड़ाता ही रहे तब उसका जीवन एक मास ही सेष है।
- जब शरीर के सारे अंगो में अंगड़ाई सी आने लगे और तालू सूख जाए तब वह व्यक्ति एक मास तक ही जीवित रहता है।
- जल, तेल, घी तथा दर्पण में भी जब अपनी परछाई ना दिखाई दे या विकृत दिखाई दे उस मनुष्य की आयु 6 मास से अधिक शेष नहीं है।
- जब आप अपने आप को छाया से रहित पाते हैं अथवा अपनी छाया को बिना सिर के देखें तब समझिये की वह मनुष्य एक मास भी जीवित नहीं रहता।
- जब सूर्य, चंद्रमा, या अग्नि के प्रकाश को मनुष्य नहीं देख पाता उसे सब कुछ काला-काला अंधकार सा दिखाई देता है तब उसका जीवन 6 माह से अधिक नहीं होता।
- जिसकी जीभ फूल जाए और दांतो से मवाद निकलने लगे उसकी भी मृत्यु 6 महीने में ही हो जाती है।
- जब मुँह, कान, नेत्र और जीभा का स्तम्भन हो जाए तब भी 6 महीने के भीतर ही मृत्यु जाननी चाहिए।
- त्रिदोष में जिसकी नाक बहने लगे उसका जीवन 15 दिन से अधिक नहीं रहता।
बाहर प्रकट होने वाले मृत्यु के लक्षण
आगे भगवान शिव पार्वती जी से कहते हैं यह मैंने अंगो में होने वाले मृत्यु के लक्षण बताएं अब बाहर प्रकट होने वाले लक्षणों का वर्णन करता हूं।
- यदि अकस्मात नीली मख्खीयाँ आकर उस मनुष्य को घेर ले तो वास्तव में उसकी आयु एक मास ही शेष है।
- यदि गिद्ध, कौआ, अथवा कबूतर सिर पर चढ़ जाए तो उस पुरुष की मृत्यु भी एक महीने के भीतर ही हो जाती है।
- जब चंद्र मंडल वा सूर्य मंडल के आसपास कोई रोशनी ना दिखाई दे एवं वो लाल दिखाई दे तो 15 दिन में उस मनुष्य की मृत्यु निश्चित है।
- यदि ग्रहों का दर्शन होने पर भी ग्रहो का ज्ञान ना हो मन पर मूढ़ता छाई रहे तो 6 मास में निश्चय ही मृत्यु हो जाती है।
- अरुंधति, महायान, चन्द्रमा इन्हे जो ना देख सके अथवा जिसे तारो का दर्शन ना हो ऐसा पुरुष एक माह से अधिक जीवित नहीं रहता।
- यदि ध्रुव तथा उतथ्य नामक तारो अथवा सूर्य मंडल का भी दर्शन ना हो सके रात में इंद्रधनुष दिखाई दे तथा गिद्ध और कौए घेर रहे तो वह पुरुष भी 6 महीने से अधिक जीवित नहीं रहता।
- यदि आकाश में सप्तऋषि तथा छायापथ ना दिखाई दे तो उस पुरुष की आयु 6 माह ही सेष समझनी चाहिए।
- जो अकस्माद सूर्य और चंद्रमा को राहू से ग्रस्त देखता है और संपूर्ण दिशाए घूमती दिखाई देती हैं वह अवश्य ही 6 महीने में मर जाता है।
तो ये थी जानकारी की मृत्यु निकट आने पे कौन से संकेत मिलते है, शिव जी द्वारा बताये गए मृत्यु के लक्षण। अगर आपको यह जानकारी अच्छी और उपयोगी लगी हो तो इसे अपने मित्रो और प्रियजनों के साथ अवश्य शेयर करे, साथ ही हमें कमेन्ट के माध्यम से भी बता सकते है।