माँ दुर्गा के 32 नामो की माला रूपी स्तुति यह जगदम्बा की विशेष स्तुति है।इसके जप करने के पहले करन्यास, अंगन्यास, हृदयन्यास, ध्यान आदि कुछ भी करने की आवश्यकता नहीं है। तो आइये जानते है माँ दुर्गा के बत्तीस नाम और इसका जप करने से लाभ।
दुर्गा जी के स्वरुप का ध्यान कर बत्तिस नामो की माला का जप करना शुरु कर दे जप शुरु करते ही माँ दुर्गा की कृपा बननी शुरू हो जाती है। यह रहस्य अत्यंत गोपनीय एवं अति दुर्लभ है।
देवी के बत्तिस नामो की माला सब प्रकार की आपत्ति और सभी प्रकार की बिपत्तियों का विनाश करने वाली है। तीनो लोको में इसके समान दूसरी कोई भी स्तुति नहीं है।
दुर्गा द्वात्रिंशन्नाममाला (माँ दुर्गा के 32 नाम संस्कृत मे)
दुर्गा दुर्गार्तिशमनी दुर्गापद्विनिवारिणी।
दुर्गमच्छेदिनी दुर्गसाधिनी दुर्गनाशिनी॥
दुर्गतोद्धारिणी दुर्गनिहन्त्री दुर्गमापहा।
दुर्गमज्ञानदा दुर्गदैत्यलोकदवानला ॥
दुर्गमा दुर्गमालोका दुर्गमात्मस्वरूपिणी।
दुर्गमार्गप्रदा दुर्गमविद्या दुर्गमाश्रिता॥
दुर्गमज्ञानसंस्थाना दुर्गमध्यानभासिनी।
दुर्गमोहा दुर्गमगा दुर्गमार्थस्वरूपिणी॥
दुर्गमासुरसंहन्त्री दुर्गमायुधधारिणी।
दुर्गमाङ्गी दुर्गमता दुर्गम्या दुर्गमेश्वरी ॥
दुर्गभीमा दुर्गभामा दुर्गभा दुर्गदारिणी।
नामावलिमिमां यस्तु दुर्गाया मम मानवः॥
पठेत् सर्वभयान्मुक्तो भविष्यति न संशयः ॥
माँ दुर्गा के 32 नाम
1. दुर्गा,
2. दुर्गार्तिशमनी,
3. दुर्गापद्विनिवारिणी,
4. दुर्गमच्छेदिनी,
5. दुर्गसाधिनी,
6. दुर्गनाशिनी,
7. दुर्गतोद्धारिणी,
8. दुर्गनिहन्त्री,
9. दुर्गमापहा,
10. दुर्गमज्ञानदा,
11. दुर्गदैत्यलोकदवानला,
12. दुर्गमा,
13. दुर्गमालोका,
14. दुर्गमात्मस्वरूपिणी,
15. दुर्गमार्गप्रदा,
16. दुर्गमविद्या,
17. दुर्गमाश्रिता,
18. दुर्गमज्ञानसंस्थाना,
19. दुर्गमध्यानभासिनी,
20. दुर्गमोहा,
21. दुर्गमगा,
22. दुर्गमार्थस्वरूपिणी,
23. दुर्गमासुरसंहन्त्री,
24. दुर्गमायुधधारिणी,
25. दुर्गमाङ्गी,
26. दुर्गमता,
27. दुर्गम्या,
28. दुर्गमेश्वरी,
29. दुर्गभीमा,
30. दुर्गभामा,
31. दुर्गभा
32. दुर्गदारिणी
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माँ दुर्गा के 32 नामो की माला का जप करने से लाभ -:
1. शत्रुओ से पीड़ित होने अथवा अभेद्य बंधन में पड़ने पर इन 32 नमो के पाठ करने से संकट से छुटकारा मिल जाता है।
2. यदि राजा क्रोध वश वध के लिए य किसी कठोर दंड के लिए आज्ञा दे दे य युद्ध में शत्रुओ द्वारा घिर जाने पर अथवा वन में हिंसक जन्तुओ के बीच फस जाय तो इन बत्तिस नामो का 108 बार पाठ करने से व्यक्ति संपूर्ण भयो से मुक्त हो जाता है।
3. विपत्ति के समय इसके समान भय नासक उपाय दूसरा नहीं है।
4. इस नाम माला का पाठ करने से मनुष्यो की कभी कोई हानि नहीं होती है।
5. जो मनुष्य प्रतिदिन दुर्गा जी के 32 नामो का भजन करता है वह कभी भी विपत्ति मे नही पड़ता।
6. दुर्गा जी के इस बत्तिस नाम माला रूपी इस उपाख्यान को जो सुनते है उनपर कोई विपत्ति नहीं आती है।
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