हिन्दुओ के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है, महाशिवरात्रि। फाल्गुन माह की कृष्ण चतुर्दशी को यह पर्व मनाया जाता है इस दिन शिव भक्त मंदिरो में शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, दही, शहद, शर्करा आदि से शिव जी का अभिषेक करते है। तथा पुष्प, बेलपत्त, धतूरा और अन्य पूजन सामग्री चढ़ा कर पूजा, व्रत, और रात्रि जागरण करते है।
महाशिवरात्रि महत्व एवं लाभ
महाशिवरात्रि पर्व, सांसारिक, पारिवारिक और आध्यात्मिक लोगो के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है।
पारिवारिक कर्तव्यों परिस्थितियों में जुड़े लोगे इस पर्व को भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह उत्सव के रूप में मनाते है।
सांसारिक महत्वकांक्षाओ में लीन लोग महाशिवरात्रि को शिव की कृपा से शत्रु विजय के रूप में मनाते है।
आध्यात्मिक एवं साधक लोग महाशिवरात्रि को स्थिरता की रात्रि के रूप में मनाते है। क्योकि महाशिवरात्रि के दिन ही शिव जी ने अपने अंदर की सभी गतिविधियो को शांत कर पूरी तरह से स्थिर हो गए थे।
महाशिवरात्रि के दिन विधि-विधान से से पूजा पाठ करने वालो भक्तो के सभी दुख दूर हो जाते है। शिव की साधना से धन-धान्य, सुख-सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस महाव्रत को करने वाले साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
महाशिवरात्रि मुहूर्त 2023 –
18 फरवरी 2023 दिन शनिवार
शिवलिंग पूजा सामग्री –
इस दिन भगवान शिव का अभिषेक अनेकों प्रकार से किया जाता है। जैसे जलाभिषेक ( जल से ), दुग्धाभिषेक ( दूध से ) आदि।
भक्त मंदिरो में शिवलिंग का गंगाजल, दूध, दही, शहद, शर्करा आदि से शिव जी का अभिषेक करते है। तथा पुष्प, बेलपत्त, धतूरा और अन्य पूजन सामग्री चढ़ा कर पूजा, व्रत, और रात्रि जागरण करते है। मंदिरों में घंटी और “शंकर जी की जय” ध्वनि गूंजती रहती है।
शिव पुराण के अनुसार, महाशिवरात्रि पूजा में इन वस्तुओं को अवश्य शामिल करना चाहिए:
- शिव लिंग का पानी, दूध और शहद के साथ अभिषेक करे।
- बेल के पत्ते या बेर जो आत्मा की शुद्धि एवं पवित्रता का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- स्नान के बाद सिंदूर का पेस्ट शिव लिंग को लगाया जाता है। यह पुण्य का प्रतिनिधित्व करता है।
- फल ये दीर्घायु और इच्छाओं की संतुष्टि को दर्शाते हैं।
- जलती धूप, धन, उपज (अनाज) अर्पण करे।
- दीपक जलाये ये ज्ञान की प्राप्ति के लिए अनुकूल है।
- पान के पत्ते चढ़ाये ये सांसारिक सुखों के साथ संतोष अंकन करते हैं।
अभिषेक में निम्न वस्तुओं का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
- तुलसीदल ( तुलसी के पत्ते )
- हल्दी
- चंपा और केतकी के फूल
अद्भुत जानकारी🙏