हिंदू धर्म में विष्णु जी के 10अवतारो में वर्णन किया गया है जिन्हें दशावतार भी कहा जाता है। भगवान विष्णु त्रिदेवों में से एक है ये ही ब्रह्मांड के निर्माण के बाद उसके विघटन तक उसका संरक्षण करते हैं। इसीलिए इन्हे पालनहार भी कहा जाता है। तो आइये अब हम जानते है भगवान विष्णु के 10 अवतारों के नाम और उनकी कथा के बारे में।
श्रीमद भगवत गीता में श्रीकृष्ण के द्वारा कहा गया है।
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ॥
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् ।
धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे ॥
अर्थात जब-जब धर्म की हानि और अधर्म का उत्थान हो जाता है तब तब सज्जनों के कल्याण और दुष्टों और दुराचारियो के विनाश के लिए और धर्म की स्थापना के लिए मैं विभिन्न युगों में अवतरित होता हूं।
दशावतार नाम और उनकी कथा
1. मत्स्य अवतार (1st Avatar of Vishnu)
भगवान विष्णु के 10 अवतारों के बारे में मत्स्य अवतार भगवान विष्णु का पहला अवतार है इस अवतार में विष्णु जी मछली बनकर प्रकट हुए थे। मान्यता के अनुसार असुर हयग्रीव ने जब वेदों को चुराकर समुद्र की गहराई में छुपा दिया था तब भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार में आकर वेदों को पाया और उन्हें फिर से स्थापित किया।
2. कच्छप अवतार (2nd Avatar of Vishnu)
दूसरा अवतार है कच्छप अवतार जिसे कूर्म अवतार भी कहते हैं। इसमें भगवान विष्णु कछुआ बनकर प्रकट हुए थे। कच्छप अवतार में श्री हरि ने छीरसागर के समुद्र मंथन में मंदराचल पर्वत को अपने पीठ पर रखकर संभाला था।
मंथन में भगवान विष्णु मंदराचल पर्वत और वासुकी सर्प की मदद से देवताओं और राक्षसों ने 14 रत्न पाए थे।
3. वराह अवतार (3rd Avatar of Vishnu)
वराह अवतार को हिंदू धर्म ग्रंथों के भगवान विष्णु का तीसरा अवतार माना गया है।
दैत्य हिरण्याक्ष ने जब पृथ्वी को ले जाकर समुद्र में छिपा दिया था तब ब्रह्मा जी की नाक से भगवान विष्णु वराह रूप में प्रकट हुए थे।
भगवन विष्णु ने वराह (सूअर) का रूप धारण करके हिरण्याक्ष राक्षस का वध किया था और पृथ्वी को उसके कक्ष में पुनः स्थापित किया था।
4. नरसिंह अवतार (4th Avatar of Vishnu)
ग्रंथों के अनुसार भगवान विष्णु के 10 अवतारों में से चौथा अवतार नरसिंह है। इस अवतार में लक्ष्मीपति नरसिंह मतलब आधे शेर और आधे मनुष्य बनकर प्रकट हुए थे। इसमें भगवान का चेहरा शेर का था और शरीर इंसान का था नरसिंह अवतार में उन्होंने अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा के लिए उसके पिता राक्षस हिरण्यकश्यप को मारा था।
5. वामन अवतार (5th Avatar of Vishnu)
वामन भगवान विष्णु का पांचवा अवतार है। इसमें भगवान ब्राह्मण बालक के रूप में धरती पर आए थे। और प्रहलाद के पौत्र राजा बलि से दान में तीन पग धरती मांगी थी। तीन कदम में वामन भगवान ने अपने पैर से तीनों लोक नाप कर राजा बलि का घमंड तोड़ा था। बाद में भगवान ने उन्हें सुतल लोक में भेज वहां का राजा बना दिया था।
6. परशुराम अवतार (6th Avatar of Vishnu)
विष्णु के अवतार परशुराम राजा प्रसेनजीत की बेटी रेणुका और भृगुवंशी जमदग्नि के पुत्र थे। जमदग्नि के पुत्र होने की वजह से इन्हें जामदगन्य भी कहते हैं। वह शिव के परम भक्त थे भगवान शंकर ने इनकी भक्ति से प्रसन्न होकर इनको परशु शस्त्र दिया था। इनका नाम राम था और परशु लेने के कारण वह परशुराम कहलाते थे।
कहा जाता है कि इन्होंने 21 बार क्षत्रियों का विनाश किया था। क्षत्रियों के अहंकारी वंश से संसार को बचाने के लिए ही इनका जन्म हुआ था।
7. राम अवतार (7th Avatar of Vishnu)
विष्णु के 10 अवतारों में से एक मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम है। महर्षि वाल्मीकि ने राम की कथा संस्कृत महाकाव्य रामायण में लिखी थी। तुलसीदास ने भक्ति काव्य श्री रामचरितमानस की रचना की थी।
श्री राम ने द्वापर युग में अयोध्या के राजा दशरथ और उनकी पहली रानी कौशल्या के पुत्र के रूप में जन्म लिए थे।
तब राक्षसराज रावण का बहुत आतंक था। उससे देवता भी भयभीत रहते थे तब श्री राम ने रावण आदि अनेक राक्षसों का वध किया था तथा धर्म की पुनः स्थापना की थी साथ ही मर्यादा का पालन करते हुए अपना जीवन यापन किया।
8. कृष्ण अवतार (8th Avatar of Vishnu)
यशोदा नंदन श्री कृष्ण विष्णु के ही अवतार थे भागवत ग्रंथ में भगवान कृष्ण की लीलाओं की अनेककहानियां है। इनके गोपाल, गोविंद, देवकीनंदन, वासुदेव, मोहन, माखन चोर, मुरारी, जैसे अनेकों नाम है। ये मथुरा में देवकी और वसुदेव के पुत्र के रूप में जन्मे थे। इन्होने कंश आदि कई अधर्मी और अत्याचारी दुष्टो का नाश किया था।
श्री कृष्ण के महाभारत के युद्ध में बहुत बड़ी भूमिका थी वह इस युद्ध में अर्जुन के सारथी थे उनकी बहन सुभद्रा अर्जुन की पत्नी थी। उन्होंने युद्ध से पहले अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था।
9. बुद्ध अवतार (9th Avatar of Vishnu)
भगवान विष्णु के 9वे अवतार बुद्ध को माना गया है। इनको गौतम बुद्ध या महात्मा बुध भी कहा जाता है। ये बौद्ध धर्म के संस्थापक माने जाते हैं। बौद्ध धर्म संसार के चार बड़े धर्मों में से एक है। इनके पिता का नाम राजा शुद्धोधन था। इनका जन्म क्षत्रिय कुल के शाक्य वंश में हुआ था।
इनका नाम सिद्धार्थ रखा गया था गौतम बुद्ध अपनी शादी के बाद बच्चे राहुल और अपनी पत्नी यशोधरा को छोड़ कर गृहस्त जीवन का त्याग कर संसार को मोह माया और दुखों से मुक्ति दिलाने के मार्ग पर निकल पड़े थे।
10. कल्कि अवतार (10th Avatar of Vishnu)
कल्कि अवतार भगवान विष्णु का 10वा और आखरी अवतार माना जाता है। कल्कि पुराण के अनुसार श्री हरि का कल्कि अवतार कलयुग के अंत में होगा और अधर्म का सम्पूर्ण नाश कर सतयुग की पुनः स्थापना करेंगे।
हमारे ग्रंथो में कल्कि अवतार के बारे में एक श्लोक लिखा है जो यह बताता है कि कलयुग में भगवान का कल्कि अवतार कब और कहां होगा और उनके माता-पिता कौन होंगे।
श्रीमद्भागवत-महापुराण के 12वे स्कंद के अनुसार-
सम्भलग्राममुख्यस्य ब्राह्मणस्य महात्मनः।
भवने विष्णुयशसः कल्किः प्रादुर्भविष्यति।।
अर्थात भगवान कल्कि का जन्म संभल गॉंव में विष्णुयश नामक श्रेष्ठ ब्राह्मण के पुत्र के रूप में होगा, ये देवदत्त नाम के घोड़े पर सवार होकर अपनी तलवार से दुष्टों का संहार कर सतयुग की पुनः स्थापना करेंगे।
यह अवतार 64 कलाओं से युक्त होगा। भगवान विष्णु का कल्कि अवतार निष्कलंक अवतार के नाम से भी जाना जाएगा। इस अवतार में उनकी माता का नाम सुमति होगा इनके अलावा उनसे तीन बड़े भाई भी होंगे जिनके नाम – सुमंत, प्राज्ञ, और कवि होंगे।
तो यही समाप्त होती है ये जानकारी की भगवान विष्णु के 10 अवतार कौन से है, उनके नाम क्या है, और उनकी कथा के बारे में। अगर आपको यह जानकारी अच्छी और उपयोगी लगी हो तो इसे अपने मित्रो और प्रियजनों के साथ अवश्य शेयर करे। साथ ही हमें भी कमेन्ट के माध्यम से भी बता सकते है।