हिन्दू धर्म ग्रंथो में इस बात का वर्णन मिलता है कि जब जब धरती पर पाप और अन्याय बढा है तब-तब भगवान विष्णु किसी ना किसी रूप में धरती पर पापियों का विनाश करने के लिए प्रकट हुए हैं। शास्त्रों में विष्णु जी के 10 अवतारों का उल्लेख मिलता है इनमें से अब तक वे 9 अवतार ले चुके हैं लेकिन कलयुग में भगवान का अंतिम अवतार यानी कल्कि अवतार अभी होना बाकी है। तो आइये जानते है की कब और कहा होगा कल्कि अवतार, उनका वाहन क्या होगा, आदि।
कब और कहां होगा कल्कि अवतार?
जैसा की भगवान कृष्ण ने भागवत गीता मे कहा है की जब-जब धर्म की हानि होगी और अधर्म और पाप अपने चरम सीमा में होगा। तब-तब अधर्म का नाश करने और धर्म की पुनः स्थापना करने वे अवतार लेंगे।
श्रीमद्भागवत पुराण के बारवे स्कंध, अध्याय 2 में लिखा है कि भगवान का कल्कि अवतार कलयुग के अंत और सतयुग के संधिकाल में होगा।
जैसा की शास्त्रो में भी बताया गया है की भगवान राम और श्री कृष्ण का अवतार भी द्वापर और त्रेता युग के अंत में ही हुआ था। इसलिए जब कलयुग अपने अंतिम चरण में होगा और उसका अंत निकट आ जाएगा तब भगवान कल्कि जन्म लेंगे और अधर्म का सम्पूर्ण नाश कर सतयुग की पुनः स्थापना करेंगे।
पौराणिक मान्यता के अनुसार कलयुग 4,32,000 वर्ष का है जिसका अभी प्रथम चरण ही चल रहा है। कलयुग का प्रारंभ 3102 ईसा पूर्व से हुआ था, जब पांच ग्रह, मंगल, बुध, शुक्र, बृहस्पति और शनि, मेष राशि पर 0 डिग्री पर हो गए थे। इसका मतलब 3102+2021=5123 वर्ष कलयुग के बीत चुके हैं और 426877 वर्ष अभी भी बांकी है।
भगवान कल्कि का जन्म स्थान और माता-पिता
हमारे धर्म ग्रंथों में कल्कि अवतार से संबंधित एक श्लोक का उल्लेख किया गया है जो यह दर्शाता है कि कलयुग में भगवान का कल्कि अवतार कब और कहां होगा और उनके माता-पिता कौन होंगे।
श्रीमद्भागवत-महापुराण के 12वे स्कंद के अनुसार-
सम्भलग्राममुख्यस्य ब्राह्मणस्य महात्मनः।
भवने विष्णुयशसः कल्किः प्रादुर्भविष्यति।।
अर्थात संभल ग्राम में विष्णुयश नामक श्रेष्ठ ब्राह्मण के पुत्र के रूप में भगवान कल्कि का जन्म होगा, ये देवदत्त नाम के घोड़े पर सवार होकर अपनी तलवार से दुष्टों का संहार करेंगे तभी सतयुग प्रारंभ होगा।
भगवान विष्णु का कल्कि अवतार निष्कलंक अवतार के नाम से भी जाना जाएगा। इस अवतार में उनकी माता का नाम सुमति होगा इनके अलावा उनसे तीन बड़े भाई भी होंगे जिनके नाम – सुमंत, प्राज्ञ, और कवि होंगे।
पत्नियां और पुत्र
भगवान कल्कि की दो पत्नियां होगी पहली माता लक्ष्मी जो पदमा नाम से जन्म लेंगी, और दूसरी वैष्णवी रूपी रमा।
रमा ने त्रेता युग में वैष्णवी के नाम से जन्म लिया था। जिसने भगवान श्रीराम से विवाह की इच्छा प्रकट की थी। तब श्रीराम ने इस अवतार में केवल एक ही विवाह करने का सीता माता को दिए हुए वचन को बताते हुए उनसे कहा था कि वे कलियुग में जब कल्कि अवतार लेंगे तब उनसे विवाह करेंगे।
भगवान कल्कि के 4 पुत्र होंगे जो – जय, विजय, मेघमाल, तथा बलाहल नाम से जाने जायेंगे।
कौन होंगे भगवान कल्कि के गुरु?
भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम ही भगवान कल्कि के गुरु के रूप में उपस्थित होंगे और उन्हें अस्त्र-शस्त्र चलाने तथा धर्म शास्त्रों की विद्या में पारंगत करेंगे। वे ही कल्कि को भगवान शिव की तपस्या करके उनसे दिव्यास्त्र को प्राप्त करने की प्रेरणा देंगे।
तो जैसा की पुराणों में वर्णन है कि कलयुग के अंतिम चरण में भगवान विष्णु अधर्मियों का अंत करने के लिए कल्कि अवतार धारण करेंगे और फिर से धर्म का राज्य स्थापित करेंगे, परन्तु अभी इसमें काफी समय है। तो इसी के साथ समाप्त होती है ये जानकारी की कब और कहां होगा कल्कि अवतार, उनका जन्म स्थान कहां होगा, उनके माता-पिता,पत्नियां और पुत्र कौन होंगे तथा भगवान कल्कि के गुरु के बारे में। अगर आपको यह जानकारी अच्छी और उपयोगी लगी हो तो इसे अपने मित्रो और प्रियजनों के साथ अवश्य शेयर करे।